Friday, 5 February 2016

क्यों है आर्य समाज की ज़रूरत?

अभी कुछ दिनों पहले जनपद हरिद्वार के रुड़की का समाचार पढ़ा। जिसमे दो युवको ने निरंकारी बाबा के सत्संग से आ रही महिला के साथ ठगी की। वाक्या कुछ ऐसा है कि जब महिला संत बाबा निरंकारी के सत्संग से आ रही थी तो दो युवको ने महिला से कोई पता पूछा, जो महिला ने बता दिया। फिर उन्होंने महिला से कहा की माताजी बुरा मत मानना क्या आपके घर कष्ट है? जिस पर महिला ने कहा हाँ है। युवको ने महिला को कुछ दिशा-निर्देश दिये जो महिला ने सहमति से किये। फिर उन्होंने महिला को कहा की आप अपने गहने उतार के २१ कदम उलटे चले तो आपके परिवार पर आया सब संकट टल जाएगा। महिला ने विश्वास करते हुए अपने गहने उन युवको को दिए और आँख बंद करके 21 कदम उलटे चली। जब आँख खोली तो युवक गायब थे। जिसमे महिला को ठगी का आभास हुआ। महिला का अन्धविश्वास उसके लूटने का कारण बना। महिला सत्संग से आ रही थी, लेकिन ऐसे सत्संग का क्या लाभ जिससे अन्धविश्वास और पाखण्ड का निर्मूलन न हो? अधिकतर सत्संगों में यही सिखाया जाता है  अच्छा है, सबसे प्रीति करो, सब धर्म अच्छे है। कुछ बाबा लोग वेद विरुद्ध आचरण तक अपनाने की बात करते है। बिना जाने समझे ही कह देते है ऐसा टोटका करने से सब मनोरथ पुरे होंगे और व्रतादि और स्नानादि करने से पाप नष्ट होंगे। जबकि यजुर्वेद के अध्याय 1 के 8 वे मंत्र में स्पष्ट लिखा है, ईश्वर पाप क्षमा नहीं करता है-
जो ईश्वर सब जगत को धारण कर रहा है, वह पापी दुष्ट जीवो को उनके अनुकूल दण्ड देकर दुःखयुक्त और धर्मात्मा पुरुषो को उत्तम कर्मो के अनुसार फल देके उनकी रक्षा करता है।
(यजुर्वेद 1/8)              
कुछ लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए वेद विरुद्ध व्यवस्था की बात करते है जिससे उनका चलता रहे। सच तो यही ही पाप क्षमा करना और अकारण सताना अन्याय है और ईश्वर न्यायकारी है। ऋग्वेद में भी किये कर्मो को भोगने और शुभ कर्मो के करने का आदेश है। मेरी स्पष्ट मान्यता है कि यदि महिला वेद ज्ञान को मानती या आर्य समाजी होती तो उन ठगो के चक्कर में  फंसती। लेकिन महिला के लूटने का कारण तर्क छोड़ ऐसे बाबाओ के सत्संगों में अपना समय बर्बाद करती रही जो उसे पाखण्ड से भी न बचा सके। साधारण लोगो को आर्य समाज के बोल कड़वे लगते है लेकिन कड़वे है तो क्या है तो सच ! भारत के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री मोदी जी ने संसद के पहले भाषण में यही कहा था की जिस दिन देश की अंधश्रद्धा समाप्त हो जाएगी देश प्रगति के रास्ते पर जायेगा और हमे मिलकर देश की अंधश्रद्धा समाप्त करनी है।
आज अगर अंधश्रद्धा और पाखण्ड समाप्त करने की कोई दवा है उस दवा का नाम आर्य समाज है।