Tuesday, 14 May 2013

हिन्दू कौन आर्य कौन?


” गर्व  से  कहो  से  हम  हिन्दू  है  “, ऐसा  कहने  वालो  को  क्या  इस  बात  का  गर्व  है  की  हम  आठ  सौ  वर्ष  गुलाम  रहे ? क्या  इस  बात  का  गर्व  है  की  इस  धर्म  का  कोई  प्रवर्तक  नहीं ? क्या  इस  बात  का  गर्व  है  की  इस  धर्म  का  कोई  धार्मिक  साहित्य  नहीं ? क्या  इस  बात  का  गर्व  है  की  हम  सर्वव्यापक  प्रभु  की  उपासना  के  साथ  – साथ  अनेक  देवी  देवताओ  की  पूजा  करते  है ? क्या  इस  बात  का  गर्व  है  बिना  सोचे  समझे  अंधी  नक़ल  करते  है ?  क्या  हम  इस  बात  का  गर्व  करते  है  की  हम  अपने  पूर्वज  भगवन  राम  का  मंदिर  बनाने  के  लिए  बलिदान  देने  के  लिए  तैयार  है  जबकि  स्वयं  भगवान  रामचंद्र  आर्य  थे , और  हम  ‘हिन्दू’? क्या  हमे  इस  बात  का  भी  गर्व  करते  है  की  गुलामी  के  काल  में  हमको  महर्षि  दयानंद  ने  जगाया  की  हमारे  सनातन  धर्म  और  आर्य  जाति  का  पतन  हो  रहा  है , और  कहा  हम  हिन्दू  नहीं  आर्य  है  फिर  भी  हमने  उनकी  शिक्षाओ  पर  ध्यान  नहीं  दिया ? हमारा  देश  २६  जनवरी  १९५०  को  संप्रभु  सत्ता  संपन्न  स्वतंत्र  राष्ट्र  घोषित  हो  गया  था , परन्तु  हम  हिन्दू  ही  बने  रहे , क्या  यही  गर्व  की  बात  है ?
हिन्दू  नाम  -
भारत  पर  कुछ  ही  आक्रमण  हुए  जैसे  शक , हून और  मंगोल  इत्यादि , भारतीय  रजा  जब  जीते  तो  कोई  नाम  परिवर्तन  नहीं  हुआ  परन्तु  जब  विदेशी  आक्रान्ता  जीते  तो  देश  और  निवासियों  के  नामो  में  परिवर्तन  हुआ . जब  अंग्रेज  आये  तो  उन्होंने  देश  को  इंडिया  कहा  और  देशवाशियो  को  इंडियन , इसी  तरह  मुगलों  ने  भी  हिन्दुस्तान  और  हिन्दू  नाम  दिया . जब  चक्रवर्ती  महाराजा  भरत ने  इस  देश  को  १  ध्वज  के  नीचे  लाकर  खड़ा  किया  तो  नाम  हुआ  भारत  और  हम  बने  भारतीय . जिस  प्रकार  से  एक  भजन  में  भी  कहा  गया  है  ” आर्यों  से  भारतीय  बनकर , होकर  हिन्दू  हिंदुस्तान , फिर  वे  हिन्दू  बने  मुसलमान  अलग  ले  गए  पाकिस्तान  “. जो  आया  उसने  अपना  नाम  दिया  सिकंदर  जैसे  लोग  हार  गए  तो  उनका  कोई  दिया  हुआ  नाम  नहीं  है .
गलत  तर्क  -
जो  लोग  गलत  तर्क  देते  है  की  हिन्दू  शब्द  का  उद्गम  सिन्धु  शब्द  से  हुआ  है  ये  गलत  है , भारत  में  गंगा  जैसी  और  भी  पवित्र  नदिया  है  उनके  नाम  पर  क्यों  न  दिया  नाम ? जो  कहते  है  की  मुगलों के शब्दकोष  में  “स”  शब्द  नहीं  था  तो  शेख  सादी  जैसे  नाम  भी  थे . सिन्धु  नदी  का  नाम  आज  भी  सिन्धु  नदी  ही  है  जबकि  वो  भारत  में  नहीं  पकिस्तान  में  है  अब  उसका  नाम  हिन्दू  नदी  क्यों  नहीं  हुआ ? हिन्दू  एक  फारसी  भाषा  का  शब्द  है  जिसका  अर्थ  है  गुलाम . भारत  पर  हमला  करने  वालो  को  ये  देश  अन्न , धन  धान्य  से  भरा  नज़र  आता  था  जिसको  लुटने  का  सपना  लिए  वो  भारत  में  आये . उनका  उद्देश्य  भारत  को  गुलाम  बनाना  और  यंहा  की  धन  सम्पदा  को  लूटना  था . इसीलिए  उन्होंने  नाम  दिया  हिन्दू  और  देश  का  नाम  हिन्दुस्तान . भारत  उस  समय  छोटे  छोटे  टुकड़ो  में  बंटा  हुआ  था  जिसके  कारण  भारत  विदेशी  आक्रंताओ   का  सामना  न  कर  सका .
जो  लोग  तर्क  देते  है  हिन्दू  शब्द  इंदु  शब्द  से  आया  है  तो  इंदु  अर्थार्त  चंद्रमा  तो  पहले  से  है  तब  नाम  आर्य  क्यों  रखा  तब  तो  हिन्दू  या  इंदु  नहीं  था , यह  सिर्फ  सत्य  को  छिपाने  के  लिए  और  कुतर्को  से  खुद  को  सही  साबित  करने  के  लिए  ऐसा  किया  जा  रहा  है . ऐसे  कई  कुतर्क  लोग  देते  है .
हमारे  प्रवर्तक  –
हम  जिन  भगवान्  श्री  राम  और  श्री  कृष्णा  को  पूजते  है  वो  भी  तो  आर्य  थे , क्या  कंही  किसी  ग्रन्थ  में  लिखा  है  हिन्दू  शब्द ? नहीं  प्रत्येक  स्थान  पर  लिखा  है  आर्य  अर्थात  श्रेष्ठ .
हमारे  ग्रंथो  से  –
 वेद , उपनिषद् , रामायण  और  महाभारत  तक  कंही  नहीं  है  हिन्दू  शब्द  क्योंकि  इसका  कोई  अर्थ  ही  नहीं  हमारी  भाषा  में .  फिर  भी  हम  लिहते  है  हिन्दू . वेद  में  भी  लिखा  है , इश्वर  ने  कहा  यह  भूमि  मेने  आर्यों  को  दी . आपस  में  बातो  में  भी  आर्य  पुत्र  और  आर्य  पुत्री  जैसे  शब्दों  से  संबोधन  मिलता  है  हिन्दू  शब्द  से  नहीं .
हमारा  देश  गुलामी  की  जंजीरों  से  मुक्त  हुआ  तो  हमने  अपने  नए  नए  स्वदेशी  कानून  बनाये  सब  कुछ  बदला  लेकिन  यह  हिन्दू  नाम  न  बदला , हम  हिन्दू  ही  रह  गए , जबकि  हमे  वेदों  के  अनुकूल  आर्य  बनना  था  अब  हम  मुक्त  हो  चुके  थे  एक  लम्बी  गुलामी  से .
राष्ट्रीय  स्वयंसेवक  संघ  ने  देश  के  लिए  काफी  कुछ  किया  और  करते  रहते  है , डॉक्टर  हेडगेवार  जी  ने  इस  संगठन  को  गुलामी  के  काल  में  बनाया  और  देश  की  एकता  अखंडता  के  लिए  समर्पित  किया . इनकी  दोनों  प्रार्थनाओ  और  गीतों  में  भी  हिन्दू  शब्द  का  प्रयोग  है  इसे  बदल  देना  चाहिए , जंहा  हिन्दू  भूमि  कहा  है  अगर  वंहा  आर्य  भूमि  हो  तो  सुन्दर  और  अर्थ  वाला  लगेगा , अर्थार्त  श्रेष्ठो  की  भूमि  न  की  गुलामो  की . गलती  उनकी  नहीं  वो  समय  गुलामी  का  था  तब  उतना  ज्ञान  की  भी  कमी  रही , हमारे  ग्रंथो  से  हम  दूर  रहे  लेकिन  अब  समय  आ  गया  है  हमे  स्वयं  को  आर्य  बोलते  हुए  कृण्वन्तो  विश्वं  आर्यम  का  उद्घोष  करना  होगा .
ओउम

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